इसका सही विकल्प होगा
(d) ना मनुष्य को ना पशु को
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व्याख्या
रहीम ने पशु और मनुष्य में ले ना ही मनुष्य को और ना ही पशु को श्रेष्ठ माना है। रहीम के अनुसार पशु तो पशुवत व्यवहार करते ही हैं, लेकिन कई परिस्थितियों में वह मनुष्य से भी अच्छा व्यवहार करते हैं। वहीं कुछ मनुष्य पशुओं से भी बढ़कर पशु होते हैं। वह धन के लिए अपना सब कुछ दे देते हैं और पशुओं से भी निम्नस्तर का व्यवहार करते हैं। ऐसे मनुष्य कहलाने लायक नहीं होते क्योंकि वह पशुओं से भी बुरे पशु होते हैं।
इसलिए रहीम ना तो मनुष्य को श्रेष्ठ मानते हैं और ना ही पशु को। मनुष्य और पशु दोनों में अच्छे और बुरे तरह के प्राणी पाए जाते हैं।
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