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वृद्धा का बाजार में खरबूजे बेचने के कारण वहाँ खड़े लोगों को वृद्धा बेहया क्यों लगी? (पाठ – दुख का अधिकार)

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वृद्धा का बाजार में खरबूजे बेचने के कारण बाजार में खड़े लोगों के लिए वृद्धा बेहया इसलिए लगी क्योंकि लोगों को मालूम था कि पिछले दिन ही वृद्धा के जवान बेटे की मौत हुई थी। कल जवान बेटे की मौत हुई है और आज वृद्धा बाजार में खरबूजे बेचने आ गई।  लोगो ने वृद्धा की ऐसी दुख की परिस्थिति में भी खरबूजे बेचने की मजबूरी नहीं समझी। लोगों ने उन्होंने अपनी तुच्छ सोच से केवल यही सोचा कि वृद्धा पैसे के लालच में खरबूजे बेचने आ गई है और उसे अपने जवान बेटे की मौत की कोई परवाह नहीं है जबकि वास्तव में ऐसी बात नहीं थी। अपनी इसी छोटी सोच के कारण बाजार में खड़े लोगों के लिए वृद्धा बेहया लगी।

वास्तव में मूल कारण यह नहीं था। वृद्धा के जवान बेटे के बच्चे भूख से तड़प रहे थे। घर में जो कुछ भी पैसे थे, वह बेटे के इलाज और अंतिम संस्कार में खर्च हो गए। घर में एक भी पैसा और अंन्न का एक भी दाना न होने के कारण बच्चों का पेट भरने के लिए वृद्धा को अगले दिन ही बाजार में खरबूजे बेचने के लिए आना पड़ा। यह बात लोगों ने नहीं समझी।

टिप्पणी

दुख का अधिकार’ कहानी यशपाल द्वारा लिखी गई एक मार्मिक कहानी है, जिसमें यह बताया गया है कि दुख प्रकट करने का अधिकार केवल संपन्न लोगों को होता है। गरीब और असहाय लोग अपने दुख को भी ढंग से प्रकट नहीं कर सकते। लोग केवल सम्पन्न लोगों के दुख में शामिल होते हैं, गरीब व्यक्ति के दुख को कोई नही समझता।


Other questions

व्यवहार कुशल लोग लेखक की आलोचना क्यों करते हैं? (पाठ – प्रकृति का सानिध्य)

इन शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए- घृणा, गद्दों, शक्ति, निर्धन, मुट्ठी, श्मशान।

निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार आरंभ करके दोबारा लिखिए- क. तुम भूखे मरने वालों को कोसते हो। (तुम्हारे द्वारा) ख. शौकत भैंस को घर ले गई। (शौकत द्वारा) ग. अवनि लखेरा ने कई पदक जीते हैं। (अवनि लखेरा द्वारा) घ. क्या हमें गरीबों की मदद करनी चाहिए? (क्या हमारे द्वारा) ङ सच्चा सैनिक देश की सेवा करता रहेगा। (सच्चे सैनिक द्वारा)

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दिए गए वाक्यों को निर्देशानुसार इस प्रकार परिवर्तन होगा…

क. तुम भूखे मरने वालों को कोसते हो। (तुम्हारे द्वारा)
परिवर्तित वाक्य :  तुम्हारे द्वारा भूखे मरने वाले को कोसा जाता है।

ख. शौकत भैंस को घर ले गई। (शौकत द्वारा)
परिवर्तित वाक्य : शौकत द्वारा भैंस का घर ले जाया गया।

ग. अवनि लखेरा ने कई पदक जीते हैं। (अवनि लखेरा द्वारा)
परिवर्तित वाक्य : अवनि लखेरा द्वारा कई पदक जीते गए हैं।

घ. क्या हमें गरीबों की मदद करनी चाहिए? (क्या हमारे द्वारा)
परिवर्तित वाक्य : क्या हमारे द्वारा गरीबों की मदद की जानी चाहिए?

ङ. सच्चा सैनिक देश की सेवा करता रहेगा। (सच्चे सैनिक द्वारा)
परिवर्तित वाक्य : सच्चे सैनिक द्वारा देश की सेवा की जाती रहेगी।


Other questions

इन शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए- घृणा, गद्दों, शक्ति, निर्धन, मुट्ठी, श्मशान।

इन शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए- घृणा, गद्दों, शक्ति, निर्धन, मुट्ठी, श्मशान।

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दिए गए शब्दों का वर्ण-विच्छेद इस प्रकार होगा…

घृणा : घ् + ऋ + ण् + आ

गद्दों : ग् + अ + द् + द् + ओ + ं

शक्ति : श् + अ + क् + त् + इ

निर्धन : न् + इ + र् + ध् + अ + न् + अ

मुट्ठी : म् + उ + ट् + ठ् + ई

श्मसान : श् + म् + अ + स् + आ + न + अ

 

वर्ण-विच्छेद क्या हैं?

कोई भी शब्द अनेक तरह के वर्णों से मिलकर बनता है यह वर्ण व्यंजन तथा स्वर्ग के रूप में होते हैं किसी भी शब्द को उसके मूल वर्णन यानी व्यंजन और स्वरों में पृथक कर देने की प्रक्रिया ही वर्ण-विच्छेद कहलाती है


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अनुस्वार और अनुनासिक में क्या अंतर है? विस्तार से बताएं।

लेखिका की माँ के व्यक्तित्व की विशेषताएँ लिखिए। लेखिका की दादी के घर के माहौल का शब्द-चित्र अंकित कीजिए। (पाठ – मेरे संग की औरते, लेखिका – मृदुला गर्ग)

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‘मेरे संग की औरतें’ पाठ में लेखिका के माँ के व्यक्तित्व की विशेषताएँ इस प्रकार हैं…

  • लेखिका की माँ का स्वभाव बेहद मधुर था। वह सबसे विनम्र स्वर में बात करती थी।  लेखिका के परिवार के सभी सदस्य उनके बेहद सम्मान करते थे।
  • लेखिका की माँ घर के कामों में अधिक हाथ नहीं बाँटती थी। उनका अधिकतर समय किताबें पढ़ने तथा साहित्य चर्चा में ही बीतता था।
  • उन्हें परंपरागत रूप से घर के काम करने में अधिक रुचि नहीं थी।
  • लेखिका की माँ के विनम्र और सच्चे स्वभाव के कारण लेखिका के सभी परिवार के सदस्य उनके बेहद आदर सम्मान करते थे।
  • लेखिका की माँ अपने बच्चों यानी लेखिका और उनके बहनों-भाइयों आदि पर भी अधिक ध्यान नहीं दे पाती थीं और उनसे अधिक बात नहीं कर पाती थी।
  • लेखिका की माँ का आजादी भारत की आजादी के संग्राम के प्रति अपना जुनून था
  • लेखिका की माँ कभी भी झूठ नहीं बोलती थी, वह किसी एक की गोपनीय बात को दूसरे पर कभी भी जाहिर नहीं करती थी।
  • लेखिका की माँ पूर्णतया भारतीय नारी थी और वह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के प्रति सचेत रहती थी।
  • लेखिका की माँ ने अपने बच्चों के प्रति कभी भी लाल प्यार अधिक लाड प्यार नहीं किया। ना ही अपने बच्चों के लिए कभी खाना पकाया।
  • लेखिका की माँ का अंतर्मुखी स्वभाव था।
  • लेखिका की माँ बीमारी के चलते भी घर के कामों में अधिक हाथ नहीं बंटा पाती थी।
  • कुल मिलाकर लेखिका की मां का स्वभाव एक आदर्श भारतीय नारी का था जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रति चेतना का भाव रखती थी और भारत की आज़ादी की पक्षधर थी।
लेखिका की दादी के घर का माहौल

लेखिका की दादी के घर का माहौल सामान्य घरों जैसा ही था। लेखिका की दादी प्रगतिशील विचारों की थी, इसीलिए उन्होंने अपनी बहू यानी लेखिका की माँ पर कभी भी कोई बंदिश नहीं लगाई। लेखिका की दादी भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रति सचेत थी। लेखिका की दादी अपनी बहू को उनकी इच्छानुसार रहने की पूरी छूट दी थी।


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व्यवहार कुशल लोग लेखक की आलोचना क्यों करते हैं? (पाठ – प्रकृति का सानिध्य)

“प्रकृति एवं मनुष्य एक-दूसरे के पूरक हैं”- इस कथन को स्पष्ट करें।

व्यवहार कुशल लोग लेखक की आलोचना क्यों करते हैं? (पाठ – प्रकृति का सानिध्य)

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व्यवहार कुशल लोग लेखक की आलोचना इसलिए करती हैं, क्योंकि लेखक का प्रकृति के प्रति प्रेम और उनकी जान जोखिम में डालने की आदत उनको पसंद नहीं आती।

लेखक अक्सर प्रकृति के अधिक निकट रहते हैं। जंगलों में जाकर प्रकृति को अधिक निकट रहना तथा अपनी जान जोखिम में डालने की प्रवृत्ति के कारण अक्सर व्यवहार कुशल लोग उनकी आलोचना करते हैं।

इन लोगों के मतानुसार लेखक अपनी जिंदगी के कीमती समय को जंगलों की खाक छानने में बर्बाद कर रहे हैं। लेखक न केवल अपने कीमती दिन बर्बाद करते हैं बल्कि वह अपनी इस गतिविधियों को बेहद उत्साह से पुस्तकों के माध्यम से वर्णन भी करते हैं।

बहुत से लोगों को उनकी यह आदत पसंद नहीं। ऐसे व्यवहार कुशल लोगों को लगता है कि लेखक जंगलों में व्यर्थ ही अपना समय गवांते हैं, इस कारण व्यवहार कुशल लोग लेखक की प्रकृति प्रेम और जान में जोखिम में डालने की आदत के कारण अक्सर उनकी आलोचना करते हैं।

टिप्पणी
‘प्रकृति का सानिध्य’ पाठ लेखक ‘काका कालेलकर’ द्वारा लिखा गया विचारशील निबंध है, जिसमें उन्होंने प्रकृति के प्रति अपने प्रेम तथा प्रकृति के निकट रहने के अपने अनुभवों का वर्णन किया है।


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‘ईदगाह’ कहानी में हामिद ने खिलौने क्यों नहीं खरीदे?

यदि आपको किसी विद्यालय का हेडमास्टर बना दिया जाये तो आप विद्यालय में क्या-क्या सुधार करेंगे?

“प्रकृति एवं मनुष्य एक-दूसरे के पूरक हैं”- इस कथन को स्पष्ट करें।

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“प्रकृति एवं मनुष्य एक-दूसरे के पूरक हैं” ये कथन बिल्कुल सत्या है। यह कथन प्रकृति और मानव के बीच के गहरे, परस्पर निर्भर संबंध को दर्शाता है।

  • प्रकृति जीवन का आधार प्रदान करती है – हवा, पानी, भोजन।  मनुष्य प्रकृति के संरक्षक के रूप में कार्य कर सकता है, पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
  • प्रकृति प्राकृतिक संसाधन प्रदान करती है, जैसे खनिज, जंगल, जल स्रोत आदि। मनुष्य इन संसाधनों का उपयोग करता है और प्रौद्योगिकी के माध्यम से उन्हें विकसित करता है।
  • प्रकृति कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन जैसी आर्थिक गतिविधियों का आधार है। मनुष्य इन गतिविधियों को वैज्ञानिक तरीकों से उन्नत बनाता है।
  • प्रकृति कई सांस्कृतिक परंपराओं और मान्यताओं का स्रोत है। मनुष्य प्रकृति से प्रेरित होकर कला, साहित्य और संगीत का सृजन करता है।
  • प्रकृति शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक वातावरण प्रदान करती है। मनुष्य प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों का विकास करता है।
  • प्रकृति जैव विविधता और पारिस्थितिक तंत्र प्रदान करती है। मनुष्य इन तंत्रों के संरक्षण और पुनर्स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
  • प्रकृति जलवायु को नियंत्रित करने में मदद करती है। मनुष्य वनीकरण और पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से इस प्रक्रिया में योगदान दे सकता है।
  • प्रकृति आध्यात्मिक अनुभूतियों का स्रोत है। मनुष्य प्रकृति के साथ तादात्म्य स्थापित कर आंतरिक शांति प्राप्त करता है।
  • प्रकृति ज्ञान का अक्षय स्रोत है। मनुष्य प्रकृति का अध्ययन कर नए वैज्ञानिक सिद्धांतों और प्रौद्योगिकियों का विकास करता है।
  • प्रकृति सौंदर्य और प्रेरणा का स्रोत है। मनुष्य प्राकृतिक सौंदर्य को संरक्षित करने और उसे बढ़ाने में मदद करता है।

प्रकृति और मनुष्य के बीच का संबंध एक नाजुक संतुलन पर आधारित है। जब मनुष्य प्रकृति के साथ सामंजस्य में रहता है, तो दोनों फलते-फूलते हैं। हालांकि, जब यह संतुलन बिगड़ता है, तो दोनों को नुकसान होता है। इसलिए, यह आवश्यक है कि मनुष्य प्रकृति के साथ सम्मान और समझ के साथ व्यवहार करे, ताकि यह पूरक संबंध बना रहे और दोनों का सतत विकास हो सके।


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‘ईदगाह’ कहानी में हामिद ने खिलौने क्यों नहीं खरीदे?

यदि आपको किसी विद्यालय का हेडमास्टर बना दिया जाये तो आप विद्यालय में क्या-क्या सुधार करेंगे?

‘ईदगाह’ कहानी में हामिद ने खिलौने क्यों नहीं खरीदे?

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‘ईदगाह’ कहानी में हामिद ने खिलौने इसलिए नहीं खरीदे क्योंकि हामिद के पास बहुत अधिक पैसे नहीं थे। हामिद की दादी अमीना ने उसे तीन पैसे मिले में घूमने के लिए दिए थे, लेकिन हामिद एक समझदार लड़का था। वह गरीबी में पला-बढ़ा था. उसकी दादी अमीना दूसरे घरों में काम करके उसे पालती-पोसती थी। हामिद उन तीन पैसों का महत्व समझता था, इसलिए उसने मेले में खिलौने नहीं खरीदे। उसने सोचा खिलौने तो थोड़ी देर में ही खेल कर टूट जाएंगे पर इन तीन पैसों से कोई ऐसी उपयोगी वस्तु खरीदेगा जो लंबे समय तक काम आए।

उसने अपनी दादी को अक्सर खाना बनाते समय देखा था कि दादी के हाथ चूल्हे पर रोटी सेंकते समय जल जाते थे क्योंकि उनकी रसोई में चिमटा नहीं था। इसलिए हम इन तीन पैसों से अपनी दादी के लिए चिमटा खरीद लिया ताकि उसकी दादी की उंगलिया रुचि बनाते समय जल नहीं जाए।

टिप्पणी

‘ईदगाह’ कहानी पंछी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई बाल मनोविज्ञान पर आधारित कहानी है, जिसमें हामिद नाम के एक समझदार 8 वर्षीय बालक की समझदारी का वर्णन किया गया है।


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यदि आपको किसी विद्यालय का हेडमास्टर बना दिया जाये तो आप विद्यालय में क्या-क्या सुधार करेंगे?

कवि के अनुसार किसकी हस्ती नहीं है​?

यदि आपको किसी विद्यालय का हेडमास्टर बना दिया जाये तो आप विद्यालय में क्या-क्या सुधार करेंगे?

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यदि मुझे विद्यालय का हेडमास्टर बना दिया जाए तो मैं अपने विद्यालय के हेडमास्टर होने के नाते निम्नलिखित सुधार करने का प्रयास करूंगा।

  • मैं सबसे पहले विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने का प्रयत्न करूंगा। मैं देखूंगा कि विद्यालय की शिक्षा में कोई कमी तो नहीं है, उसकी गुणवत्ता में कैसे अधिक से अधिक सुधार किया जाए। पाठ्यक्रम को अधिक व्यावहारिक और रोजगारोन्मुखी कैसे बनाया जाए।
  • मैं शिक्षा को और अधिक व्यावहारिक बनाने के लिए मैं शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का प्रबंध करूंगा ताकि शिक्षक और अधिक कुशल बन सके और अपने छात्रों को भी कुशल बना सकें।
  • अपने विद्यालय के हेडमास्टर होने के नाते में छात्रों के उचित मार्गदर्शन और परामर्श का भी प्रबंध करूंगा। मैं विद्यालय में ऐसी सेवाएं शुरू करने की कोशिश करूंगा जो छात्रों की शिक्षा संबंधी समस्याओं के लिए व्यक्तिगत मार्गदर्शन और परामर्श दे सकें।
  • मैं अपने विद्यालय में तकनीकी और व्यावहारिक शिक्षा को अधिक महत्व दूंगा। आज हमारा युग तकनीक का युग है, इसीलिए मैं अपने विद्यालय में अधिक से अधिक तकनीक और डिजिटल शिक्षा को बढ़ाने का प्रयास करूंगा ताकि  मेरे विद्यालय के सभी विद्यार्थी तकनीकी शिक्षा का अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त कर सकें और आधुनिक समय के साथ चल सकें। इसके लिए मैं डिजिटल शिक्षण सामग्री, स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, इंटरनेट, ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म जैसे सुविधाओं को बढा़ने का प्रयास करूंगा
  • मैं अपने विद्यालय के हेडमास्टर होने के नाते खेल और शारीरिक शिक्षा पर भी ध्यान दूंगा। पढ़ाई के साथ-साथ खेल के रूप में शारीरिक शिक्षा भी बहुत महत्वपूर्ण है जो तन और मन दोनों को स्वस्थ रखती है। इसीलिए मैं अपने विद्यालय में बेहतर खेल संबंधी सुविधाओं को विकसित करने की कोशिश करूंगा ताकि मेरे विद्यालय के छात्र खेलों की ओर अधिक से अधिक मुड़ सकें।
  • मैं अपने विद्यालय में कई तरह की रचनात्मक गतिविधियों को बढ़ाने का भी प्रबंध करूंगा ताकि अलग-अलग क्षेत्र में विद्यार्थियों की प्रतिभाओं का परिमार्जन हो और अपनी प्रतिभाओं करो निखार सकें।
  • मैं अपने विद्यालय में पर्यावरण संरक्षण के संबंध में भी कार्य करूंगा क्योंकि पर्यावरण हमारे पृथ्वी का मूल आधार है। मैं अपने विद्यार्थियों को पर्यावरण संबंधी जागरूकता के लिए प्रेरित करूंगा। उन्हे अपने पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने का प्रयत्न करूंगा और विद्यालय के परिसर को भी पर्यावरण अनुकूल बनाने की कोशिश करूंगा।
  • विद्यालय और अभिभावक के बीच उचित संवाद बना रहे और विद्यार्थियों की हर समस्या का समाधान निकले इसके लिए मैं एक हेल्प डेस्क बनाऊंगा
  • मैं अपने विद्यालय में पुस्तकालय के आधुनिकीकरण के संदर्भ में भी प्रयास करूंगा और भौतिक पुस्तकालय के अलावा डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश करूंगा।
  • विद्यालय के परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे इसीलिए मैं अपने विद्यालय में सुरक्षा पर विशेष ध्यान दूंगा और विद्यालय के परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाकर विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करूंगा।

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कुछ लोग खुले प्राकृतिक वातावरण में काम करते हैं, तो कुछ वातानुकूलित कार्यालयों में। आप अपने भावी जीवन में कहाँ काम करना पसंद करेंगे? कारण सहित बताइए।

Write an email to the mayor regarding the insufficient collection bins in your area.

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Email to the mayor

 

Date: 22 September 2024

To: themayor.shimla@hpgov.in
From: vinitasingh21@gmail.com
Subject: Request for Additional Waste Collection Bins in Khalini colony, Shimla.

Respect Mayor Mr. Ramesh Thakur,

I hope this email finds you well. I am writing to bring your attention to an urgent matter concerning waste management in our Khalini colony

Over the past few months, residents in our neighborhood have noticed a significant shortage of waste collection bins. This insufficiency has led to several problems:

1. Overflowing bins: The existing bins fill up quickly, often resulting in litter scattered around them.
2. Increased littering: With no place to dispose of waste properly, some residents resort to littering, affecting the cleanliness of our streets.
3. Health concerns: The accumulation of waste attracts pests and creates potential health hazards for our community.

To address these issues, I kindly request that you consider the following actions:

1. Conduct an assessment of the current bin distribution in our area.
2. Increase the number of waste collection bins, particularly in high-traffic areas.
3. Implement a more frequent collection schedule to prevent overflow.

Our community takes pride in maintaining a clean and healthy environment. With your support in providing adequate waste management resources, we can work together to keep Khalini colony clean and attractive.

Thank you for your time and consideration. I look forward to hearing about the steps that will be taken to address this matter.

Sincerely,
Vinita Singh
Khalini colony,
Shimla
Email ID: vinitasingh21@gmail.com


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We reach the school in time. (identify the sentence) 1. Simple perfect tense 2. Present perfect tense 3. Past perfect tense

We reach the school in time. (identify the sentence) 1. Simple perfect tense 2. Present perfect tense 3. Past perfect tense

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The correct answer is:

  1. Simple perfect tense

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Explanation:

The given sentence “We reach the school in time” is ‘Simple Present tense.’

1. The Present Perfect tense form of this sentence is…
“We have reached the school in time.”

2. The Past Perfect tense form of this sentence is..
“We had reached the school in time.”

The original sentence “We reach the school in time” is a simple present tense statement, typically used to describe a habitual action or a general truth. It suggests that reaching school on time is something that happens regularly or is expected to happen.


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वाणी के अनुशासन से क्या अभिप्राय है?